21-22 Nov Hindi 2014

गुजरातसरकारनेपर्यटकोंकेलिएहोम– स्टेयोजनाकीघोषणाकी

22-NOV-2014

  • राज्य में आने वाले पर्यटकों के लिए गुजरात सरकार ने ‘होम– स्टे योजना’ की घोषणा की. योजना की घोषणा राज्य पर्यटन मंत्री सौरभ पटेल ने 20 नवंबर 2014 को की.
  • गुजरात के इच्छुक निवासी ‘होम– स्टे’ सुविधा के लिए आवेदन कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें पुलिस से समाशोधन (क्लीयरेंस) प्राप्त करना होगा.

    होम– स्टे योजना से संबंधित मुख्य तथ्य 
    • योजना के तहत, पर्यटकों को दी जाने वाली सेवा दो श्रेणियों- गोल्ड और सिल्वर में बंटी है.  
    • गुजरात पर्यटन निगम लिमिटेड (टीसीजीएल) आवेदकों की संपत्तियों और आवासों की जांच के बाद उन्हें श्रेणी आवंटित करने के बारे में फैसला करेगा. 
    • टीसीजीएल अल्पकालिक प्रशिक्षण और मार्केटिंग के लिए मदद मुहैया कराएगा. 
    • होम– स्टे सुविधा के तहत पंजीकृत निवासियों को बिजली का बिल, नगरपालिका कर, संपत्ति कर औऱ जल कर नियमित घरेलू दरों पर ही देना होगा. 
    • होम– स्टे प्रदाताओं को अधिकतम 6 कमरे देने की अनुमति मिलेगी और प्रदाता को विलासिता कर (लग्जरी टैक्स) और मूल्य वर्धित कर (वैल्यू एडेड टैक्स) देने की जरूरत नहीं होगी.

सीबीआईनिदेशकरंजीतसिन्हाको 2जीमामलेसेअलगहोनेकासर्वोच्चन्यायालयकानिर्देश

22-NOV-2014

  • सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा को 2जी मामले से अलग होने का निर्देश 20 नवंबर 2014 को जारी किया. उनसे निर्देश दिया कि वे इस मामले में हस्तक्षेप न करें. 
    सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में सीबीआई निदेशक की भूमिका अब 2जी घोटाले की जांच टीम के तीन सबसे वरिष्ठ अधिकारी निभाएंगें.
  • प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रथम द्रष्टया ऐसा लगता है कि सिन्हा के खिलाफ लगाए गए आरोप विश्वसनीय और स्वीकार्य हैं. 
    सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्देश सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन नाम की स्वयंसेवी संस्था द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों के मद्देनजर जारी किया. स्वयंसेवी संगठन ने उन पर 2 जी  स्पेक्ट्रम घोटाले के आरोपियों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. 
    रंजीत सिन्हा 2 दिसंबर 2014 को सेवानिवृत्त किए जाने वाले थे लेकिन अदालत के निर्देशों के कारण बतौर सीबीआई प्रमुख की विश्वसनीयता पर निशान छोड़ कर जा रहे हैं. 
    2जी स्पेक्ट्रम मामला
    2जी स्पेक्ट्रम मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( सीबीआई) द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच से जुड़ा है. इस घोटाले में मोबाइल टेलीफोन कंपनियों को फ्रीक्वेंसी आवंटन लाइसेंसों जिसके बाद वे सेल फोन पर 2जी स्पेक्ट्रम सदस्यता बनाने का इस्तेमाल करेंगे, को जारी करने के एवज में राजनीतिज्ञों और सरकारी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था. 
    नियंत्रक एवं महालेखा परक्षीक (कैग) के अनुमानों के मुताबिक इस घोटाला से सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस धनराशि का अनुमान 2010 में हुए 3 जी और बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम नीलामी की कीमतों के आधार पर लगाया गया था.

ओईसीडीने 2015–16 केलिएभारतहेतु 6.6 फीसदीकीविकासदरकाअनुमानलगाया

22-NOV-2014

  • आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने वित्त वर्ष 2015–16 के लिए भारत के लिए 6.6 फीसदी का विकास दर का अनुमान लगाया. यह जानकारी 19 नवंबर 2014 को दी गई. 
    ओईसीडी के अनुसार 6.6 फीसदी की विकास दर को हासिल करने के लिए भारत को विनिर्माण गतिविधियों को पुनर्जिवित करने की जरूरत है. 
    मई 2014 के शुरुआत में, ओईसीडी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 5.7 फीसदी के विकास का अनुमान लगाया था.
  • भारत के लिए अपनी प्रमुख सिफारिशों में ओईसीडी ने कहा है कि–
    • लचीला मुद्रा स्फीति लक्ष्यीकरण, राजकोषीय समेकन, राष्ट्रीय मूल्य– वर्धित कर और बैंकिंग निरीक्षण को मजबूत कर व्यापक आर्थिक ढांचे में सुधार करना होगा. 
    • श्रम कानूनों को सरल बनाकर, शिक्षा की सुलभता, संरचनात्मक परियोजनाओं के अनुमोदन में तेजी और व्यापार वातावरण में सुधार लाकर नौकरियों का सृजन करना होगा. 
    • महिलाओँ के लिए समान कार्य अवसरों और महिला उद्यमियों के लिए शिक्षा एवं कौशल प्रशिक्षण के उपयोग का विस्तार कर महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाना होगा. 
    • स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच और समानता में सुधार. 
    • 8 फीसदी की विकास दर हासिल करने के लिए भारत को सब्सिडी कम करने, सामाजिक और भौतिक संरचनाओँ पर अधिक खर्च करने, वस्तु एवं सेवा कर लगाने और बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में कर मुक्त धन की जरूरत है. भारत को केंद्र और राज्य स्तर पर राजकोषीय समेकन की गुणवत्ता में भी सुधार करने की जरूरत है

ऑस्करपुरस्कारविजेतामाइकनिकोल्सकानिधन

22-NOV-2014

  • ऑस्कर पुरस्कार विजेता माइक निकोल्स का 19 नवंबर 2014 को निधन हो गया. वह 83 वर्ष के थे. वे एक अमेरिकी निर्देशक, हास्य अभिनेता और कुशल थिएटर निर्देशक थे. उन्होंने एम्मी, ग्रैमी, ऑस्कर और टोनी अवॉर्ड जीते थे. उनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्में थीं– द ग्रैजुएट (1967), सिल्कवुड (1983), हूज अफ्रेड ऑफ वर्जिनीया वुल्फ?, वर्किंग गर्ल एंड द बर्डकेज (1996).
  • बतौर निर्देशक उनकी पहली फिल्म 1966 की हूज अफ्रेड ऑफ वर्जिनीया वुल्फ? थी जिसने पांच ऑस्कर पुरस्कार जीते थे. उनकी आखिरी फिल्म चार्ली विल्संस वार थी. वर्ष 2007 में आई इस फिल्म में टॉम हैंक्स, जूलिया रॉबर्ट्स औऱ फिलिप सीमोर हॉफमैन ने काम किया था.
    उन्होंने म्युजिकल ऐनी (1977) का निर्देशन किया था जो कि ब्रॉडवेज की सबसे लंबे समय तक चली संगीत में से एक थी. 
    माइक निकोल्स से संबधित मुख्य तथ्य 
    • निकोल्स का जन्म 1931 में जर्मनी के बर्लिन में हुआ था. वर्ष 1939 में वे संयुक्त राज्य अमेरिका में आकर बस गए थे. 
    • वे एक फिल्म निर्देशक, थिएटर निर्देशक, प्रोड्यूसर, अभिनेता और हास्य अभिनेता थे. 
    • एलिजाबेथ टेलर और रिचर्ड बर्टन अभिनीत उनकी फिल्म हूज अफ्रेड ऑफ वर्जिनीया वुल्फ? (1966) ने पांच ऑस्कर पुरस्कार और तीन बाफ्टा पुरस्कार जीते थे. 
    • द ग्रेजुएट (1967) फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का एकडमी अवार्ड मिला था. 
    • उन्होंने बेरफुट इन द पार्क, द ऑड कपल, द एप्पल ट्री, द रील थिंग, द प्रिसनर ऑफ सेकेंड एवेन्यू, मोंटी पाइथॉन्स स्पैमालोट, प्लाजा सूइट, डेथ ऑफ ए सेल्समैन और सेकेंड एवेन्यू , नाम के रंगमंच नाटकों का भी निर्देशन किया था.
    • वर्ष 1988 में वर्किंग गर्ल के लिए उन्होंने ऑस्कर पुरस्कार जीता था. 
    • मंच के कार्य के लिए उन्होंने 10 टोनी अवॉर्ड जीते. इसमें बेरफुट इन द पार्क, द ऑड कपल, द प्रिसनर ऑफ सेकेंड एवेन्यू, डेथ ऑफ ए सेल्समैन और ऐन्नी और द रील थिंग का निर्देशन कार्य शामिल है

केंद्रसरकारनेदीनदयालउपाध्यायग्रामज्योतियोजनाकेशुभारंभकोमंजूरीदी

22-NOV-2014

  • देश भर के ग्रामीण परिवारों तक बिजली की पहुंच प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीयूजीजेवाई) को शुरु करने की अनुमति 20 नवंबर 2014 को दी. यह  मंजूरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडलीय बैठक में नई दिल्ली में किया गया. 
    केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डीयूजीजेवाई योजना के साथ चालू राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई) के विलय का भी फैसला किया. 
    दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीयूजीजेवाई) के घटकों में शामिल है– 
    • ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं गैर– कृषि ग्राहकों को बिजली की विवेकपूर्ण आपूर्ति को सुविधाजनक बनाने के लिए कृषि एवं गैर– कृषि फीडरों को अलग करना. 
    • ग्राणीण इलाकों में उप–प्रसारण का सुदृढीकरण, संवर्धन और वितरण संरचना जिसमें ट्रांसफॉर्मरों/ फीडरों/ ग्राहकों के वितरण की पैमाइश शामिल है.
  • इस योजना के दो घटकों का कार्यान्वयन 43033 करोड़ रुपयों की अनुमानित लागत के साथ किया जाएगा जिसमें केंद्र सरकार संपूर्ण कार्यान्वयन अवधि में 33453 करोड़ रुपये की जरूरी बजटीय सहायता भी शामिल है.
    इसके अलावा, अगस्त 2013 के ग्रामीण विद्युतीकरण से संबंधित संतुलित कार्य के लिए सीसीईए अनुमोदन के मुताबिक 12वीं और 13वीं योजना में चालू आरजीजीवीवाई योजना का उसके मानदंडों के साथ  डीडीयूजीजेवाई में अलग घटक के रूप में समावेश किया जाएगा. इस उद्देश्य के लिए सीसीईए ने 35447 कोरड़ रुपयों के बजटीय समर्थन के साथ 39275 करोड़ रुपयों की योजना लागत को पहले ही मंजूरी दी है. 
    43033 करोड़ रुपये के परिव्यय के अलावा डीडीयूजीजेवाई की नई योजना के लिए इस परिव्यय को आगे ले जाया जाएगा.
    इस योजना से मदद मिलेगी.
    • ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के घंटों में सुधार में.
    • पीक लोड में कमी.
    • मीटर की खपत पर आधारित बिल ऊर्जा क्षेत्र में सुधार. 
    • ग्रामीण परिवारों तक बिजली की पहुंच प्रदान करने में. 
    मंत्रिमंडल के फैसले के मुताबिक, इस परियोजना के लिए मंजूरी की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी और कार्यन्वयन के लिए परियोजनाओँ को राज्य डिसकॉम/ बिजली विभागों से पुरस्कृत किया जाएगा. ये परियोजनाएं शुरु होने के 24 माह के भीतर पूरी कर ली जाएंगी. 
    इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर के छह राज्यों में अंतर–राजकीय ट्रांसमिशन एवं वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए नार्थ ईस्टर्न रीजन पावर सिस्टम परियोजना को भी मंजूरी दी. ये राज्य हैं– असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और नगालैंड.
    यह परियोजना 5111 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कार्यान्वित की जाएगी. यह परियोजना सब को बिजली के राष्ट्रीय उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह परियोजना इन राज्यों में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत को भी बढ़ाएगा.

भारतके 10 महत्वपूर्णपक्षीऔरजैवविविधताकेक्षेत्रगंभीरखतरेमेंबीएनएचएसअध्ययन

22-NOV-2014

  • कम से कम 10 महत्वपूर्ण पक्षी एवं जैवविविधता क्षेत्र (आईबीए) गंभीर खतरे में है और लुप्त होने की कगार पर खड़े हैं. इस बात का खुलासा नवंबर 2014 में संरक्षण सोयायटी बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री  सोसायटी (बीएनएचएस) के अध्ययन से हुआ. 
    इस अध्ययन के अनुसार कच्छ के प्रख्यात फ्लेमिंगो सिटी, महाराष्ट्र के सोलापुर, अहमदनगर का ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सैंचुरी और मुंबई में सेवारी महुल क्रीक भारत के सबसे अधिक संकट वाले आवास स्थलों में से एक है. एशिया में फ्लेमिंगो सिटी संभवतः प्रवासी पक्षी का एकमात्र प्रजनन भूमि है.
  • द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभ्यारण्य लुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के लिए घर है. ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभ्यारण्य में पक्षियों की संख्या 2006 में 27 थी जो कि 2012 में कम होकर 12 हो गई और 2013 में इनकी संख्या सिर्फ तीन रह गई.
    वन फैलाव (ट्री कवर) के कमी के कारण अन्य पक्षी निवास जो गंभीर खतरे में हैं–
    • सैलाना खारमोर अभयारण्य, रतलाम, मध्यप्रदेश 
    • अंडमान– निकोबार का तिलांगचोंग 
    • दीहाइला झील और कारेरा वन्यजीव अभयारण्य, शिवपुरी, मध्य प्रदेश 
    • बसाई, गुडगांव, हरियाणा
    • सरदारपुर फ्लोरीकन अभयारण्य, धार, मध्यप्रदेश  
    • राणेबेन्नूर, हावेरी, कर्नाटक
    अध्ययन से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ऐसे कई आईबीए हैं जो हालांकि इस लिस्ट में तो नहीं हैं लेकिन वे विभिन्न प्रकार के अरक्षणीय मानव हस्तक्षेप के विभिन्न प्रकार की वजह से संकट में हैं. 
    अध्ययन के मुताबिक संरचनात्मक विकास, गलक जनविरोधी संरक्षण नीतियां, अंधाधुंध पशुधन चराई, औद्योगिक एवं सीवेज प्रदूषण, कीटनाशकों के प्रयोग सहित बेतहाशा कृषि विस्तार, तेजी से बढ़ता शहरीकरण और अवैध शिकार की वजह से होने वाला यह विनाश जैव विविधता और प्राकृतिक आवासों की क्षति के कुछ प्रमुख कारण हैं

द्विपक्षीयअंटार्कटिकसहयोगपरचीनऔरऑस्ट्रेलियानेएकसमझौताकिया

22-NOV-2014

  • चीन और ऑस्ट्रेलिया ने द्विपक्षीय अंटार्कटिक सहयोग पर एक समझौते ज्ञापन पर 18 नवंबर 2014 को हस्ताक्षर किया. इस समझौते पर चीन के राष्ट्रपति झी जिनपिंग और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टॉनी एबोट की मौजूदगी में अंटार्कटिका के लिए ऑस्ट्रेलियाई प्रवेश द्वार हॉबर्ट में हस्ताक्षर किया गया.
  • चीन के राष्ट्रपति झी जिनपिंग ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और फिजी के तीन देशों के दौरे पर हैं. उन्होंने अपने दौरे के पहले चरण में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की.
    समझौता ज्ञापन का विवरण 
    • दोनों ही देश आंकड़े और कर्मियों की आदान– प्रदान करेंगे जो भविष्य के वैज्ञानिक गतिविधियों में सहयोग में वृद्धि होगी. 
    • दोनों ही देश लॉजिस्टिक्स और आपातकाल एवं बचाव कार्यों में एक दूसरे का सहयोग करेंगें. समझौते में अंटार्कटिक क्षेत्र में संरक्षण और खाद्य सुरक्षा की आशा जगाई. 
    • अंटार्कटिक अधिकारियों और अकादमिक आदान–प्रदान के लिए एक मंच की भी स्थापना की जाएगी, जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया अंटार्कटिका के लिए प्रवेश द्वार बन जाएगा. 
    • दोनों ही देश एक संयुक्त समिति का गठन करेंगे जो कि दो वर्ष में एक बार बैठक करेगी और यह समिति सहयोग एवं अंटार्कटिक में पर्यावरण, नीति, वैज्ञानिक और संचालन सहयोग के लिए तंत्र की निगरानी करेंगे.
    वर्तमान में चीन में अंटार्कटिक क्षेत्र के लिए चार अनुसंधान स्टेशन है जिसमें आखिरी अनुसंधान स्टेशन तिशान में 2014 में खोला गया था. पांचवे स्टेशन को भी खोलने की योजना है. दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया में तीन अनुसंधान स्टेशन हैं. अमेरिका, चीन, रूस, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, फ्रांस और अर्जेंटिना समेत करीब 30 देश अंटार्कटिका में स्थायी अनुसंधान स्टेशनों का संचालन कर रहे हैं.
    टिप्पणी
    इस समझौते ने संसाधन संपन्न अंटार्कटिका क्षेत्र में संरक्षण एवं खाद्य सुरक्षा पर समझौते के लिए उम्मीद बढ़ा दी है.
    अंटार्कटिक क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों में बड़े पैमाने पर तेल का भंडार शामिल है. यह तेल भंडार रॉस सागर क्षेत्र में हैं और सउदी अरब के बाद दूसरा तेल– संपन्न क्षेत्र का होना अनुमानित है. इसके अलावा, इस क्षेत्र में मछलियां औऱ क्रिल भी बड़ी संख्या में पाई जाती हैं.
    अक्टूबर 2014 में पर्थ में हुए कंजर्वेशन ऑफ अंटार्कटिक मैरीन लिविंग रिसोर्सेस (सीसीएएमएलआर) में एक तरफ चीन, रूस औऱ दूसरी तरफ यूरोपीय संघ, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के इस क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा और समुद्री जीवन संरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर दृष्टिकोण में मदभेद सामने आए.

असमचिड़ियाघरविलुप्तप्रायपिग्मीहॉगवालादुनियाकापहलाचिड़ियाघरबना

22-NOV-2014

  • गुवाहाटी स्थित असम राज्य चिड़ियाघर ने विलुप्तप्राय सूअर पिग्मी हॉग (प्रोक्यूला सालवानिया) को रखने का फैसला नवंबर 2014 के तीसरे सप्ताह में किया. पिग्मी हॉग दुनिया में पाया जाने वाला सबसे छोटा जंगली सूअर है. इस पुष्टि के बाद असम राज्य चिड़ियाघर विश्व का एकमात्र ऐसा चिड़ियाघर बन गया जहां सूअरों की यह विलुप्तप्राय प्रजाति जीवित है. 
    चिड़ियाघर प्रशासन ने पिग्मी हॉग्स को रखने का फैसला इसलिए किया कि यह प्रजाति खत्म होने की कगार पर है और वे चाहते हैं कि यह चिड़ियाघर विल्पुतप्राय स्तनधारियों के लिए सक्षम प्रजनन केंद्र बने.
  • असम का पिग्मी हॉग अनुसंधान एवं प्रजनन केंद्र असम चिड़ियाघर को सूअर मुहैया कराएगा.
    पिग्मी हॉग को संरक्षण करने के क्रम में, चिड़ियाघर में एक बाड़े में बारेंगा घास लगाकर इनके लिए नकली आवास बनाया गया है. इन घासोंको ओरंग राष्ट्रीय उद्यान से एकत्र किया गया था. 
    इससे पहले 1970 और 1990 के बीच असम चिड़ियाघर में कुछ पिग्मी हॉग्स को लोगों को देखने के लिए रखा गया था और लगभग दो दशकों के बाद एक बार फिर लोगों को देखने के लिए इसे रखने की योजना है.
    पिग्मी हॉग (प्रोक्यूला सालवानिया) से सम्बंधित मुख्य तथ्य 
    पिग्मी हॉग असम में पाया जाने वाला सबसे छोटा और विशेष प्रकार का जंगली सूअर है. वर्तमान में इस विलुप्तप्राय स्तनपायी की संख्या सिर्फ 200 के करीब है. इस प्रजाति की लंबाई करीब 65 सेंटीमीटर और उंचाई 25 सेंटीमीटर होती है. इसका वजन 8 से 9 किलोग्राम होता है.
    यह प्रजाति भारत और नेपाल में अपनी मूल सीमा से अधिकांशतः पूरी तरह नष्ट हो चुकी है जिसकी वजह से यह विलुप्त होने की कगार पर है. इससे पहले, यह प्रजाति नेपाल की तराई और बंगाल डुवअर्स (बाढ़ का मैदान और पूर्वी हिमालय का तलहटी) और उत्तर प्रदेश से असम के हिमलाय की तलहटी के दक्षिण में संकरे लंबे और दलदली चारागाह मैदानों में पाई जाती थी. 
    वर्तमान में, यह प्रजाति अब सिर्फ उत्तरपश्चिम असम के मानस टाइगर रिजर्व, सोनाई रुपाई वन्यजीव अभ्यारण्य और ओरंग राष्ट्रीय उद्यान जैसी जगहों में ही पाई जाती है

राज्यसभामेंप्रश्नकालअब 12 बजेसेप्रारम्भहोगा

22-NOV-2014

  • राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने 14 नवंबर 2014 को सदन में प्रश्नकाल का समय सुबह 11 से बदलकर दोपहर 12 बजे करने का फैसला किया है जिससे कि इसे व्यवधान मुक्त माहौल में चलाया जा सके. 24 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में प्रश्नकाल सुबह 11 से 12 बजे के स्थान पर अब दोपहर 12 से 1 बजे तक होगा.
  • इस बदलाव के चलते अब सदन की कार्यवाही की शुरुआत 11 बजे प्रश्नकाल की बजाय शून्यकाल से होगी, जो 12 बजे तक चलेगा. शून्यकाल के तहत सदस्य लोक महत्व के मुद्दे उठाते हैं. संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से होती है और अक्सर सदस्यों द्वारा सदन शुरू होते ही मुद्दे उठाए जाने के कारण प्रश्नकाल बाधित होता है. 
    सभापति हामिद अंसारी की अध्यक्षता में राज्यसभा की सामान्य प्रयोजन समिति ने 11 अगस्त 2014 को प्रश्नकाल और शून्यकाल के समय में परिवर्तन करने का निर्णय किया था.
    सामान्यतौर पर प्रश्नकाल के दौरान सूचीबद्ध प्रश्नों से जुड़े मुद्दों को छोड़कर कोई और मुद्दा नहीं उठाया जा सकता. अन्य मुद्दे शून्यकाल में उठाए जा सकते हैं.
    वर्ष 2011 में राज्यसभा में प्रश्नकाल का समय बदलकर 2 से 3 बजे तक किया गया था लेकिन कुछ ही दिनों के बाद इसे फिर से पुराने समय पर ले आया गया था.

उत्तराखंडएवंउत्तरप्रदेशकेराज्यसभाकेचुनावोंकेपरिणामघोषित

22-NOV-2014

  • उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश के राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनावों के परिणाम 13 नवंबर 2014 को घोषित किये गए. राज्य सभा चुनाव उत्तर प्रदेश की 11 सीटों एवं उत्तराखंड की एक सीट के लिए हुआ था.
  • रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और नौ अन्य राजनेता उत्तरप्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए. उप्र विधानसभा में सदस्य संख्या के आधार पर सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी के सर्वाधिक 6, बसपा के 2 और भाजपा व कांग्रेस के 1-1 प्रत्याशी को संसद के उच्च सदन के लिए चुना गया.
    चुने हुए सदस्यों में, प्रो. राम गोपाल यादव,  राज्य के मंत्री आजम खान की पत्नी ताजिन फातिमा, नीरज शेखर (स्व.चंद्रशेखर के पुत्र), रवि प्रकाश वर्मा, जावेद अली खान, चंद्रपालसिंह यादव, राजाराम, वीरसिंह, मनोहर पर्रिकर, पीएल पुनिया शामिल हैँ.
    उत्तराखंड  से कांग्रेस की मनोरम शर्मा डोबरियाल निर्विरोध निर्वाचित हुईं.
    विदित हो कि राज्यसभा के 11 सदस्यों का कार्यकाल 25 नवम्बर 2014 को समाप्त हो रहा था जिसमें 10 सदस्य उत्तर प्रदेश से एवं एक सदस्य उत्तराखंड से था. 
    धारा 80 (4)
    राज्यसभा में राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति द्वारा किया जाता है. प्रत्येक राज्य तथा दो संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों का निर्वाचन उस राज्य की विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों तथा उस संघ राज्य क्षेत्र के निर्वाचक मंडल के सदस्यों, जैसा भी मामला हो, द्वारा एकल संक्रमणीय मत द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार किया जाता है.
    धारा 83
    राज्यसभा एक स्थायी सदन है और यह भंग नहीं होता, तथापि प्रत्येक दो वर्ष बाद राज्यसभा के एक-तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं. पूर्णकालिक अवधि के लिए निर्वाचित सदस्य छह वर्षों की अवधि के लिए कार्य करता है.

रोसेटामिशनकाअंतरिक्ष 'फिलाययान, 67P धूमकेतुपरउतरा

22-NOV-2014

  • रोबॉटिक अंतरिक्ष यान रोसेटा का लैंडर मॉड्यूल 'फिलाय' 67P धूमकेतु  पर पहली बार 12 नवम्बर 2014 को लैंडिंग करने में कामयाब हो गया. 10 वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद यूरोपियन स्पेस एजेंसी के रोसेटा मिशन ने तिहास रच दिया. यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने रोसेटो का निर्माण धूमकेतु (67P/Churyumov–Gerasimenko) का अध्ययन करने के लिए बनाया था.
  • ईस्टर्न स्टैँडर्ड टाइम के मुताबिक, बुधवार 12 नवम्बर 2014 को सुबह साढ़े 10 बजे के करीब फिलाय ने धूमकेतु पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की. इसको फ्रेंच गुयाना  से 2 मार्च 2014 को छोड़ा गया था. इसका नाम अगिलिका दीप के सम्मान में अगिलिका रखा  गया है. 67P धूमकेतु पर उतरने से पहले इसको कम से कम 6.4 अरब किलोमीटर सौर्य मंडल की यात्रा करनी पड़ी. यह लैंडिंग धरती से करीब 30 करोड़ मील यानी करीब 48 करोड़ किमी दूर हुई. रोसेटा मिशन को पूरा करने में करीब 10 हजार 700 करोड़ रुपए का खर्च आया. यह 135000 किमी/घंटा की रफ़्तार से 6 अगस्त 2014 को  बर्फीली एवं ठंडी सतह पर पहुंचा. इसका उद्देशय  रहस्यों का पता लगाना  है.
    धूमकेतु पर लैंडिंग के बाद फिलाय ने तस्वीरें भेजनी शुरू कर दी हैं. धूमकेतु दरसअल उन पदार्थों से बना है, जिनसे हमारा सोलर सिस्टम बना है. ऐसे में, इसका अध्ययन करके धरती की उत्पत्ति के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सकेगी. धूमकेतु पर मौजूद करीब 4 अरब साल प्राचीन फिजिकल डेटा के अध्ययन से कुछ आधारभूत जानकारी मिलने की संभावना है. रोसेटा स्पेसक्राफ्ट अगले वर्ष तक इस धूमकेतु पर रहेगा.

रतनटाटानेअर्बनलैडरमेंनिवेशकिया

22-NOV-2014

  • टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने 14 नवम्बर 2014 को ऑनलाइन फर्नीचर कंपनी अर्बन लैडर में निवेश किया. हालांकि, कंपनी ने टाटा द्वारा किये गये निवेश का ब्यौरा नहीं दिया. स्नैपडील के बाद किसी ई-कॉमर्स कंपनी में उनका यह दूसरा व्यक्तिगत निवेश है. अर्बन लैडर ने कहा कि टाटा का दिशा-निर्देश कंपनी के लिए बहुत मूल्यवान होगा.
  • अर्बनलैडरकेबारेमें
    अर्बन लैडर की स्थापना जुलाई  2012 में की गयी थी. इसके सह संस्थापक आशीष गोयल एवं राजीव श्रीवास्तव हैं. यह कंपनी कम से कम 100 प्रकार के फर्नीचर उत्पाद तैयार करती है, जिसमें वार्डरोब, सोफे, काफी टेबल एवं डाइनिंग टेबल शामिल है. इस फर्म का उद्देशय भारत में अगले 18 महीनों  में सबसे बड़ी फर्नीचर विक्रेता कंपनी बनने का है.

अमेरिकाकेराष्ट्रपतिबराकओबामाने 50 लाखअवैधप्रवासियोंकोवैधबनानेकीघोषणाकी

21-NOV-2014

  • अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 50 लाख अवैध प्रवासियों को वैध बनाने की घोषणा 20 नवंबर 2014 को की. ओबामा ने अवैध प्रवासियों को वैध दर्जा उपलब्ध करवाने के क्रम में अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए कई प्रशासनिक सुधारों की घोषणा की. इन प्रवासियों में भारत से आए लोग भी शमिल हैं.
  • अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के इस फैसले से तकनीकी क्षेत्र में मौजूद भारतीयों की एक बड़ी आबादी को मदद मिलेगी. यह मदद उन लोगों के लिए खासतौर पर महत्वपूर्ण होगी, जिनके पास एच-1बी वीजा उपलब्द हैं. ओबामा ने कार्यकारी शक्ति का इस्तेमाल करके उठाए गए इन कदमों से बिना वैध दस्तावेजों वाले 1.1 करोड़ कर्मचारियों में से 50 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.

प्रशांतमहासागरीयद्वीपोंकेदेशोंकेसाथरिश्तेमजबूतकरनेहेतुनएउपायोंकीघोषणा

21-NOV-2014

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशांत महासागरीय द्वीपों के देशों के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए नए उपायों की घोषणा की. उन्होंने इन उपायों की घोषणा फिजी की अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान 19 नवंबर 2014 को फिजी के ‘सुवा’ में हुए प्रशांत महासागरीय द्वीपों के देशों के नेताओं के साथ हुई बैठक में की. वर्ष 1981 में इंदिरा गांधी की फिजी यात्रा के बाद नरेंद्र मोदी दूसरे भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने इस देश की यात्रा की.
  • प्रशांत महासागरीय द्वीपों के देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के लिए घोषित उपाय इस प्रकार हैं–

    1.    1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का विशेष अनुकूलन कोष (एडप्टेशन फंड) 
    •    इस फंड का प्रयोग जलवायु परिवर्तन के लिए किया जाएगा, जो कि प्रशांत द्वीप देशों के लिए चिंता का प्रमुख विषय है. 
    •    इस फंड का इस्तेमाल भारत द्वारा प्रशांत द्वीप सहयोगियों को क्षमता निर्माण हेतु तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करने में भी किया जाएगा. 
    2.    संपूर्ण प्रशांत द्वीप परियोजना (पैन पेसेफिक आइलैंड्स प्रोजेक्ट) 
    •    उन्होंने पैन अफ्रीक प्रोजेक्ट की तर्ज पर टेलीमेडिसिन और टेली– शिक्षा के लिए पैन पेसेफिक आइलैंड्स प्रोजेक्ट की घोषणा की. 
    •    सामुदायिक स्तर पर प्रशांत द्वीपों के साथ भारत एक सौर ऊर्जा परियोजना पर भी काम कर रहा है. 
    •    प्रशांत द्वीपों पर क्षेत्रीय हबों का विकास किया जाएगा. 
    •    सभी चौदह प्रशांत द्वीप देशों के लिए आगमन पर भारतीय वीजा की सुविधा मिलेगी. 
    •    ये चौदह देश हैं– कुक आइलैंड्स, किंग्डम ऑफ टोंगा, टूवालू, रिपब्लिक ऑफ नाउरु, रिपब्लिक ऑफ किरीबाती, वानुवाटू, सोलोमन आइलैंड्स, सामोन, नियू, रिपब्लिक ऑफ पलाउ, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेशिया, रिपब्लिक ऑफ मार्शल आईलैंज्स, फिजी और पापुआ न्यू गिनी. 
    •    इससे आदान– प्रदान की सुविधा बढ़ेगी और वीजा मुद्दों की वजह से होनी वाली यात्रा की असुविधा को कम कर भारत एवं प्रशांत द्वीप देशों के बीत बेहतर समझ को बढ़ावा मिलेगा. 
    3.    प्रशांत द्वीप देशों के लिए ग्रांड–इन–एड (सहायता अनुदान) में बढ़ोतरी
    •    उन्होंने ग्रांड–इन–एड (सहायता अनुदान) को 2 लाख अमेरिकी डॉलर वार्षिक करने की घोषणा की जो कि हर वर्ष बढ़ाया जाएगा. 
    •    फिलहाल भारत प्रत्येक प्रशांत द्वीप देशों को संबंधित देश द्वारा चुने गए सामुदायिक परियोजनाओं के लिए 125 हजार अमेरिकी डॉलर का वार्षिक सहायता अनुदान प्रदान करता है. 
    4.    भारत में व्यापार कार्यालय की स्थापना
    •    उन्होंने मौजूदा राजनयिक प्रतिनिधित्व पर नई दिल्ली में एक व्यापार कार्यालय के स्थापना की घोषणा की ताकि भारत और प्रशांत द्वीप देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके. 
    •    भारत आईटीपीओ द्वारा आयोजिक प्रदर्शनियों में अपने उत्पादों को पेश करने के लिए प्रशांत द्वीप देशों को मानार्थ जगह मुहैया कराएगा. 
    •    भारत पारंपरिक चिकित्सा में संयुक्त अनुसंधान औऱ क्षेत्र के लोगों के लाभ के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के विकल्पों को तलाशने के लिए उत्सुक है. 
    5.    आईटीईसी विशेषज्ञों की प्रतिनियुक्ति
    •    उन्होंने कृषि, स्वास्थ्य सेवा और आईटी के क्षेत्र में प्रशांत द्वीप के देशों के साथ तकीनीकी विशेषज्ञों को अनुभव एवं विशेषज्ञता साझा करने हेतु प्रतिनियुक्ति करने का प्रस्ताव रखा है. 
    6.    प्रशांत द्वीप देशों के राजनियकों के लिए प्रशिक्षण 
    •    फॉरेन सर्विस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स ऑफ इंडिया (भारतीय विदेश सेवा प्रशिक्षण संस्थान) प्रशांत द्वीप के देशों के राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करेगा. ये प्रशिक्षण दोनों ही देशों ( भारत और संबंधित देश) में आयोजित किया जाएगा. 
    7.    विशिष्ट आगंतुक कार्यक्रम
    •    उन्होंने एक विशिष्ट आगंतुक कार्यक्रम शुरु करने का भी प्रस्ताव रखा. इस कार्यक्रम के तहत भारत सम्मेलनों का आयोजन करेगा और इस क्षेत्र दोस्तों को आमंत्रित करेगा. यह पारस्परिक लाभप्रद आर्थिक सहयोग को मजबूत बनाने के लिए नए विचारों का पता लगाने में मदद करेगा. 
    8.    अंतरिक्ष सहयोग
    •    भारत ने लोगों के जीवन स्तर और संचार की गुणवत्ता में सुधार के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के उपयोग के क्षेत्र में सहयोग का प्रस्ताव रखा है. भारत आंकड़ों के साझा करने की संभावनाओं पर गौर करेगा जिसका प्रयोग जलवायु परिवर्तन, आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन, संसाधन प्रबंधन की निगरानी के लिए किया जा सकता है. 
    9.    भारत– प्रशांत द्वीप सहयोग फोरम 
    •    उन्होंने भारत– प्रशांत द्वीप सहयोग के लिए एक फोरम (एफआईपीआईसी) को नियमित आधार पर आयोजित करने का प्रस्ताव रखा. अगली बैठक भारत के किसी तटीय स्थान पर 2015 में होगी.

आईएनजीवैश्यबैंककाकोटकमहिंद्राबैंकमेंविलयकीघोषणा

21-NOV-2014

  • निजी क्षेत्र के आईएनजी वैश्य बैंक का कोटक महिंद्रा बैंक में विलय की घोषणा 20 नवंबर 2014 को की गई. आईएनजी वैश्य बैंक की बोर्ड मीटिंग में इस विलय को मंजूरी दी गई.
  • बैंकों के बीच शेयरों का निर्धारण निश्चित अनुपात में अदला-बदली के आधार पर होगा. इसमें कोटक महिंद्रा बैंक के पांच रुपये अंकित मूल्य वाले 725 शेयरों को आईएनजी वैश्य बैंक के 10 रुपये मूल्य वाले 1000 शेयरों के बराबर रखा गया है. आईएनजी वैश्य बैंक के अनुसार, विलय के बाद आईएनजी के शेयर धारकों को प्रत्येक 1000 शेयरों के लिए कोटक महिंद्रा बैंक के 725 शेयर दिए जाएंगे.

डाबकुलढोलकियानेअंतरराष्ट्रीयप्रबंधनसंस्थानकेमहानिदेशककापदग्रहणकिया

21-NOV-2014

  • डा. बकुल ढोलकिया ने अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान (आईएमआई) दिल्ली के महानिदेशक का पद नवंबर 2014 में ग्रहण किया. डा. बकुल ढोलकिया ‘मैनेजमेंट गुरु’ के नाम से जाने जाते है. उन्हें पदमश्री से सम्मानित किया गया था. वह भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के पूर्व निदेशक रहे.
  • डा. ढोलकिया ने छात्रों, शिक्षाविदों, कंपनियों के प्रमुखों और नीतिनिर्माताओं को लगातार बेहतर करने के लिए प्रेरित किया.
    अंतरराष्ट्रीयप्रबंधनसंस्थान (आईएमआईदिल्ली
    आईएमआई दिल्ली की स्थापना 1981 में हुई थी. आईएमआई भारत के 10 प्रीमियम प्रबंधन स्कूलों में से एक है और यह कारपोरेट जगत द्वारा प्रायोजित देश का पहला बिजनेस स्कूल है. इस संस्थान को आरपीजी एंटरप्राइजेज, नेस्ले, सेल, टाटा केमिकल्स जैसी प्रमुख कंपनियों ने प्रायोजित किया है. बिजनेस वर्ल्ड के हाल के बी स्कूल सर्वे में आईएमआई को 11वां स्थान मिला.

भारतीयमूलकेब्रिटिशनागरिकनीलमुखर्जी ‘कोस्टाबुकअवार्ड’ हेतुनामित

21-NOV-2014

  • भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक नील मुखर्जी को ‘कोस्टा बुक अवार्ड’ हेतु 19 नवंबर 2014 को लंदन (ब्रिटेन) में नामित किया गया. कोलकाता में जन्मे नील मुखर्जी को उनके उपन्यास ‘द लाइव्स ऑफ अदर्स’ हेतु कोस्टा बुक अवार्ड के लिए नामित किया गया. वर्ष 2014 के बुकर पुरस्कार की दौड़ में भी उनका यह उपन्यास शामिल हो चुका है. इस पुरस्कार की घोषणा पांच जनवरी 2014 को ब्रिटेन में होगी. जबकि ‘कोस्टा बुक ऑफ द इयर’ की घोषणा 27 जनवरी 2014 को की जाएगी.
  • पेंग्विन रैंडम हाउस प्रकाशन (‘द लाइव्स ऑफ अदर्स’ के प्रकाशक) के अनुसार, मुखर्जी का यह उपन्यास ‘नॉवेल अवार्ड’ श्रेणी में नामित हुआ. ‘द लाइव्स ऑफ अदर्स’ नील मुखर्जी की दूसरी किताब है. उनका यह उपन्यास प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार 2014 के लिए अंतिम छह में स्थान बनाने में सफल रहा था. लेकिन इस दौड़ में वह ऑस्ट्रेलियाई उपन्यासकार रिचर्ड फ्लांगान से पिछड़ गए थे.
  • द लाइव्स ऑफ अदर्स’ से संबंधित मुख्य तथ्य
  • ‘द लाइव्स ऑफ अदर्स’ उपन्यास का प्रकाशन मई 2014 में हुआ. यह उपन्यास वर्ष 1960 के दशक में कोलकाता के घोष परिवार पर केंद्रित है.
  • विदित हो कि ‘कोस्टा बुक अवार्ड’ प्रति वर्ष ब्रिटेन एवं आयरलैंड के लेखकों को पांच विभिन्न श्रेणियों में ‘कोस्टा संस्था’ द्वारा दिया जाता है.
  • राष्ट्रपतिप्रणबमुखर्जीनेवर्ष 2013-14 काइंदिरागांधीराष्ट्रीयसेवायोजनापुरस्कारप्रदानकिया

21-NOV-2014

  • वर्ष 2013-14 के लिए 53 संस्थानों और व्यक्तियों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार 19 नवंबर 2014 को प्रदान किए गए. यह पुरस्कार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया.
  • इंदिरागांधीराष्ट्रीयसेवायोजनापुरस्कार
    एनएसएस स्वयंसेवकों, एनएसएस इकाइयों और कार्यक्रम अधिकारियों व विश्वविद्यालयों/+2 परिषदों को उल्लेखनीय कार्यों के वास्ते सम्मानित करने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार वर्ष 2012 से ही हर साल प्रदान किए जा रहे हैं. 
    ये पुरस्कार निम्नलिखितचार श्रेणियों में दिए जाते हैं:
    विश्वविद्यालय/+2 परिषदश्रेणीपुरस्कार
    इसके तहत 2 लाख रुपए का नकद पुरस्कार (एनएसएस कार्यक्रम के विकास के लिए) दिया जाता है और साथ में विश्वविद्यालय/+2 परिषद को एक ट्रॉफी दी जाती है. कार्यक्रम के समन्वयक को एक प्रमाण पत्र और एक रजत मेडल दिया जाता है. इस श्रेणी में केवल एक पुरस्कार दिया जाता है.
    नयाविश्वविद्यालय/+2 परिषदश्रेणीपुरस्कार 
    इसके तहत 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार (एनएसएस कार्यक्रम के विकास के लिए) दिया जाता है और साथ में विश्वविद्यालय/+2 परिषद को एक ट्रॉफी दी जाती है. कार्यक्रम के समन्वयक को एक प्रमाण पत्र और एक रजत मेडल दिया जाता है. इस श्रेणी में केवल एक पुरस्कार दिया जाता है.
    एनएसएसइकाइयांऔरकार्यक्रमअधिकारीश्रेणीपुरस्कार
    इसके तहत हर एनएसएस इकाई (एनएसएस कार्यक्रम के विकास के लिए) को 70000 रूपए की नगद राशि, ट्रॉफी दी जाती है. हर कार्यक्रम अधिकारी को एक प्रमाण पत्र और एक रजत मेडल के साथ 20,000 रुपए दिए जाते हैं. केवल 20 पुरस्कार इस श्रेणी में दिए जाते हैं.
    एनएसएसस्वयंसेवकश्रेणीपुरस्कार
    इसके तहत हर स्वयंसेवक को 15000 रुपए की नकद राशि, एक प्रमाण पत्र व एक रजत मेडल दिया जाता है. केवल 30 पुरस्कार इस श्रेणी में दिए जाते हैं.
    उपर्युक्त पुरस्कारों के अलावा कभी-कभी बेहद सीमित संख्या में मनोनीत व्यक्तियों को प्रशंसा प्रमाण पत्र दिए जाते हैं.
  • टाइमपत्रिकानेभारतकेमंगलयानकोवर्ष 2014 केसर्वश्रेष्ठआविष्कारोंकीसूचीमेंशामिलकिया

21-NOV-2014

  • अमेरिका से प्रकाशित होने वाली 'टाइम पत्रिका' ने भारत के 'मंगलयान' को वर्ष 2014 के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों की सूची में शामिल किया तथा मंगलयान को 'द सुपरमार्ट स्पेसक्राफ्ट' की परिभाषा दी. यह सूची नवंबर 2014 में जारी की गई. इसे वर्ष 2014 के सबसे अच्छे आविष्कारों में जोड़ा गया है और इसे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐसी कामयाबी प्राप्त करने वाला बताया गया है जो भारत को 'अंतरग्रहीय अभियानों' में विस्तार का अवसर प्रदान करेगी.
  • टाइम पत्रिका के अनुसार, 'कोई भी मंगल ग्रह पर अभी तक के इतिहास में प्रथम प्रयासों से नही पहुंचा है. इस कामयाबी को अभी तक अमेरिका नहीं कर सका, रूस नहीं कर पाया और न ही यूरोपीय देश कर सके है. लेकिन 24 सितंबर 2014 को भारत ने दुनिया के सामने ऐसा कर दिखाया. ऐसा तब हुआ तब मंगलयान लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर गया, एक ऐसी कामयाबी जो कोई अन्य एशियाई देश प्राप्त नहीं कर सके वो भारत ने प्राप्त कर लिया है.’
    विदित हो कि टाइम पत्रिका ने मंगल यान को वर्ष 2014 के 25 सबसे अच्छे आविष्कारों में जोड़ा है जो विश्व को 'बेहतर, सुन्दर और कुछ मुद्दों में लाभदायक बनाने योग्य है. इस सूची में शामिल अन्य महत्वपूर्ण आविष्कारों में लाकहीड मार्टिन की ओर से तैयार रिएक्टर और एप्पल स्मार्ट वाच, माइक्रासाफ्ट सर्फेस प्रो 3 शामिल है.